देशभर में कानून व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए सरकार द्वारा तीन नए आपराधिक कानून बनाए गए हैं जो 1 जुलाई से लागू होंगे। इसके लिए उत्तराखंड पुलिस प्रशासन भी जोरो-शोरों से तैयारियों में लगा हुआ है। उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को इसके संदर्भ में निर्देश दे दिए हैं। पुलिस प्रशासन के सभी अधिकारियों और कर्मियों को नए कानूनों से अपडेट रखने के लिए अलग अलग तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं जिससे भविष्य में पुलिस टीम को इन कानूनों के संदर्भ में कोई संदेह न रहे।
क्या हैं 3 नए आपराधिक कानून?
मुख्य सचिव के अनुसार 1 जुलाई से देशभर में तीन नए आपराधिक कानून लागू होने जा रहे हैं। वह तीन कानून हैं – भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, भारतीय न्याय संहिता 2023, व भारतीय सुरक्षा अधिनियम 2023।
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत अपराधी के पुलिस हिरासत का समय 15 दिन से बढ़ाकर 90 दिन कर दिया है। भारतीय न्याय संहिता में 358 धाराएँ होंगी और 83 अपराधों में जुर्माने की धनराशि बढ़ा दी गई है। साथ ही 23 अपराधों में अनिवार्य न्यूनतम सजा की शुरुआत की गई है। भारतीय सुरक्षा अधिनियम के अनुसार देश एवं किसी जाति विशेष पर टिप्पणी करने पर जेल भेजा जा सकता है। सरकार का इन कानूनों को लागू करने का मुख्य कारण देशभर में शांति एवं अपराधों में कमी लाना है।
क्या नए कानूनों को संभालने के लिए उत्तराखंड पुलिस तैयार?
मुख्य सचिव के अनुसार उत्तराखंड पुलिस को प्रशिक्षण देने के लिए एक हस्तपुस्तिका तैयार की गई है जिससे सभी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को नए कानूनों की भली-भांति जानकारी हो। प्रशिक्षण देने के लिए पुलिस टीम को सेंट्रल डिटेक्टिव ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट और ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट के द्वारा कोर्स एवं ट्रेनिंग दी गई है।
यह कानून पूरे देश में अपराधों में कमी लाने के लिए बेहद आवश्यक है। सभी राज्यों की पुलिस टीम को वहाँ के प्रशासन द्वारा ट्रेनिंग दे दी गई है और 1 जुलाई 2024 से तीनों कानों को लागू कर दिया जाएगा।