मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग इस समय की सबसे बड़ी चुनौती है। इसके कारण राज्य के जलस्रोतों की समस्याओं को दूर करने के लिए जल क्रांति बोर्ड से धारे-नौलौं को पुनर्जीवित करा जाएगा। इसके लिए सरकार द्वारा वाटर रिवाल्यूशन बोर्ड ( जल क्रांति बोर्ड ) बनाए जाएंगे, ताकि पानी के स्रोत गधेरे, नौले, धारे और अन्य जलस्रोतों को पुनर्जीवीत किया जा सके। सरकार ने जल संरक्षण की शुरुआत कर दी है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि इस वर्ष प्रदेश भर में वनाग्नि की घटनाएं ज्यादा हुई हैं जो की चिंतनीय है। वनाग्नि पर भविष्य की चुनौतियों के लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है।
धारे और नौलें ऐसे जल स्रोत हैं जो की भूजल स्तर को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से वर्षा न होने के कारण, बीते कुछ वर्षों में भूजल स्तर तेजी से गिरा है। इसके चलते जल संकट उत्पन्न हो गया है। इसके साथ ही पहाड़ी इलाके के लोगों को पीने के पानी और सिंचाई के लिए पानी की समस्याएं झेलनी पड़ रही हैं। बढ़ती जनसंख्या और अनियंत्रित शहरीकरण के कारण जल स्रोतों पर दबाव बढ़ गया है।
जल क्रांति बोर्ड का धारे और नौलों को पुनर्जीवित कर भूजल स्तर को बढ़ाने और स्थानीय लोगों को जल की उपलब्धता सुनिश्चित कराने का लक्ष्य है। सरकार की यह पहल जल संकट से निपटने और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। स्थानीय लोग पुनर्जीवित किए गए जल स्रोतों का रखरखाव करें जिससे कि किसी भी समस्या का समय में समाधान हो सके।