Trekking का चलन
आजकल ट्रैकिंग का चलन तेजी से बढ़ता जा रहा है। इसके बढ़ते हुए चलन के पीछे कई कारण हैं जो इसे हर उम्र के लोगों के लिए आकर्षित बनाते है। जो लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति बेहद ध्यान देते हैं उन्हें ट्रैकिंग इसलिए भी पसंद होती है क्यूंकी यह एक बेहतरीन शारीरिक व्यायाम है। साथ ही नियमित ट्रैकिंग करने से शरीर को फिट रखने और मानसिक तनाव को कम करने और सहनशक्ति बढ़ाने में मदद मिलती है। कई लोग तो ट्रैकिंग को एडवेंचर की तरह करते हैं। इसमें न केवल चुनौतियों का सामना करना पड़ता है बल्कि कई लोगों को लापरवाही के कारण ट्रैकिंग के दौरान अपनी जान भी गवानी पड़ती है।
कैसे की जाती है Trekking
ट्रैकिंग पर निकलने से पहले अच्छे गाइड को चुने और रूट का चयन करें जो की सुरक्षित हो और उसके बाद रूट की पूरी जानकारी लें, जिससे मौसम की स्थिति और कठिनाई के स्तर का पता लग जाए। इसी के साथ पहले अपने स्वास्थ्य की जांच करा लें और प्राकृतिक स्थानों को स्वच्छ रखें।
जोखिम भरी हो सकती है Trekking
ट्रैकिंग जोखिम भरी हो सकती है क्यूंकी इसमें कई प्रकार की चुनौतियाँ आ सकती हैं। जिस तरह उत्तराखंड के चोपता में ट्रैकिंग पर निकले UP के 4 पर्यटक 18 जून की रात भारी बारिश के बीच जंगलों में रास्ता भटक गए। बारिश इतनी तेज थी कि उस दौरान उनका फोन भी पानी में गिर गया, जिससे डाउनलोड किए गए गूगल मैप्स बंद हो गए और वह रास्ता भटक गए। खुशकिस्मती से ये सभी लोग किसी तरह से रुद्रप्रयाग पुलिस से संपर्क करने में सफल रहे। जिसके बाद SDRF की टीम ने इन सभी पर्यटकों का रात में ही रेस्क्यू कर लिया। ऐसा ही एक हादसा बीते कुछ दिनों पहले भी हुआ था, जब सहस्त्र ताल पर गया 22 सदस्यीय ट्रैकिंग दल मौसम खराब होने के कारण रास्ता भटक गए थे, जिससे ट्रैकिंग दल के 9 सदस्यों की ठंड से मौत हो गई और बाकी के सदस्यों को रेस्क्यू अभियान के तहत बचाया गया।
Trekking में जाने से पहले किन बातों का ध्यान दें
ट्रैकिंग में जाने से पहले ट्रैकिंग की जगह के मौसम की स्थिति और पूर्वानुमान लगा लें। साथ ही रास्तों में आने वाले जोखिमों और चुनोतियों की पहले ही तैयारी करें। सही और सुरक्षित रास्तों का चयन करें। इसके अलावा स्वास्थ की जांच कराएं और जरूरी दवाइयां साथ में रखें। नियमित खाना और पानी भी साथ रखें जिससे की रास्ते में कोई समस्या ना हो।