उत्तराखंड के कारण देश-विदेश में योग को प्रसिद्धि प्राप्त हुई है। योग का लोगों के बीच मशहूर होना और योग क्रिया को अपनाने में उत्तराखंड के लोगों का बड़ा योगदान है। लोगों को योग क्रिया सिखाने हेतु सरकार द्वारा Certified Yoga Teacher की उपाधि देना शुरू किया गया। लोगों को एक Certified Yoga Teacher बनने के लिए RYTT (Registered Yoga Teacher Training) का सर्टिफिकेट प्राप्त करना आवश्यक है। इस Certificate को प्राप्त करने के बाद वह किसी भी स्कूल, योग संस्था व अन्य जगहों में योग शिक्षा दे सकते हैं। RYTT Certificate होने के बावजूद लोगों का कहना है कि उनके पास नौकरी नहीं है और वह बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं?
क्या है पूरा मामला?
उत्तराखंड में 65 हजार लोगों के पास RYTT Certificate है जो दर्शाता है कि वह योग सिखाने के काबिल हैं। फिर भी उनके पास नौकरी न होना, यह चिंता का विषय है। उत्तराखंड के युवाओं का कहना है कि सरकार हमेशा से झूठे दावे करते आ रही है। उनका कहना है कि प्रदेश में चाहे कांग्रेस या भाजपा की सरकार हो, दोनों ही सरकारों ने RYTT Certificate के आधार पर प्रदेश में योग संबंधी नौकरियों की vacancies नहीं निकाली जिससे युवा रोजगार से वंचित रह गये।
इस वजह से हैं उत्तराखंड के लोग योग बेरोजगार
उत्तराखंड में रही दोनों सरकारों ने युवाओं को नौकरी दिलाने की बात की, किन्तु कैबिनेट द्वारा प्रस्ताव पास नहीं किया गया। उत्तराखंड योग प्रशिक्षित बेरोजगार महासंघ के अध्यक्ष अमित नेगी के मुताबिक 2021 में उत्तराखंड के 119 महाविद्यालयों और हर जिले के एक-एक इन्टर कॉलेज में विद्यार्थियों को योग सिखाने के लिए योग प्रशिक्षितों की नियुक्ति का निर्णय लिया गया। लेकिन वित्त विभाग की मंजूरी न मिल पाने के कारण यह प्रस्ताव आगे नहीं बढ़ पाया।
इसके बाद 2023 में फिर से बैठक हुई और यह प्रस्ताव पास हुआ। इस बार सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया कि 117 महाविद्यालयों में योग प्रशिक्षकों को 18000 प्रतिमाह मानदेय पर रखा जाएगा। लेकिन अभी तक उनको नौकरी नहीं मिली है और वे बेरोजगार हैं।
काबिल होते हुए भी रह रहे हैं बेरोजगार
प्रदेश के योग प्रशिक्षित युवाओं के लिए यह बड़ी दुख की बात है कि उनके पास मान्यता एवं डिग्री होते हुए भी नौकरी नहीं है। उत्तराखंड ने योग को विदेश तक पहुंचाया है। लोग देश-विदेश से उत्तराखंड आकर यहाँ योग करते हैं परंतु जिन लोगों को असल मायने में इससे जुड़ा चाहिए था, वे आज भी बेरोजगार हैं। इस मुद्दे को लेकर सरकार को विचार करना आवश्यक है अन्यथा प्रदेश में बेरोजगार यूयवाओं की गिनती बढ़ती जाएगी।