उत्तराखंड में सालों से खनन का काम चलता आ रहा है। खनन के टेन्डर खुलते हैं और ठेकेदार अपने टेन्डर के अनुसार काम करते हैं। कई बार खनन से जुड़ी हुई ऐसी खबरें भी सामने आती हैं जिसमें खनन के काम में धोकेबाजी और अवैध रूप से काम होता है। खनन का काम अवैध रूप से होने के कारण उससे जुड़े लोगों का और प्रशासन के आमने-सामने की खबरें कई बार आ चुकी हैं। जिसके चलते सरकार इसके लिए नया उपाय निकालने जा रही है। खनन का काम अवैध रूप से न चले, इसके लिए प्रदेश में अब सर्विलांस सिस्टम लागू होने जा रहा है।
कैसे काम करेगा नया सर्विलांस सिस्टम?
बढ़ते अवैध खनन की खबरों को मद्देनजर रखते हुए उत्तराखंड सरकार द्वारा खनन के 40 चेक गेट इस सर्विलांस से लेस होंगे। इसका कंट्रोल सेंटर देहरादून में होगा। प्रदेश सरकार लंबे समय से अवैध खनन को रोकने का प्रयास कर रही थी। इस विषय में कुछ हद तक उत्तराखंड सरकार कामयाब भी हुई जिसमें उन्होंने खनन माफियाओं को ओवेरलोडेड टिप्पर एवं अन्य अवैध खनन की वस्तुओं के साथ पकड़ा। और अब मुख्य सचिव राधा रतूड़ी द्वारा माइनिंग डिजिटल ट्रांसफार्मेशन एंड सर्विलांस सिस्टम (एमडीटीएसएस) के प्रस्ताव पर सहमति दे दी गई है।
सर्विलांस सिस्टम में एएनपीआर कैमरा, बुलेट कैमरा, आरएफआईडी रडार और एलईडी फ्लड लाइट जैसी आधुनिक तकनीकों का प्रयोग किया जाएगा। सरकार का मानना है कि इससे अवैध खनन में कमी आएगी और राजस्व में भी वृद्धि होगी।
बैठक में और क्या हुई बातचीत?
इस सर्विलांस सिस्टम में 93 लाख का खर्चा आने का अनुमान है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई व्यय वित्त समिति बैठक में यह प्रस्ताव रखा गया, जिसमें यह प्रोजेक्ट को सहमति दे दी गई। साथ ही वहाँ काम कर रहे मजदूरों एवं श्रमिकों के बच्चों की पढ़ाई, स्वास्थ्य एवं विकास पर भी बात की गई। बैठक में यह भी सुनिश्चित किया गया कि काम कर रहे मजदूरों के मेडिकल एवं स्वास्थ्य बीमा का भी ध्यान रखा जाएगा।