जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में सोमवार शाम एनकाउंटर में आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में गंभीर रूप से घायल हुए अधिकारी समेत 5 जवानों की आज इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई। मुठभेड़ तब हुई जब राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह (SOG) के जवानों ने सोमवार देर शाम डोडा शहर से लगभग 55 किलोमीटर दूर देसा वन क्षेत्र में धारी गोटे उरारबागी में एक संयुक्त तलाशी अभियान शुरू किया।
थोड़ी देर गोलीबारी के बाद आतंकवादियों ने भागने की कोशिश की। पर एक अधिकारी के नेतृत्व में बहादुर सैनिकों ने चुनौतीपूर्ण इलाके में घने जंगलों के बीच उनका पीछा किया इसके बाद रात 9 बजे जंगल में एक और मुठभेड़ हुई। अधिकारियों द्वारा बताया गया कि इस मुठभेड़ में पांच जवान गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। आज सुबह इलाज के दौरान सभी जवानों ने दम तोड़ दिया। शहीद जवानों में सेना के 1 अधिकारी, 3 सैनिक और जम्मू-कश्मीर पुलिस के 1 कर्मी शामिल हैं।
16 आर्मी कोर, जिन्हें व्हाइट नाइट कोर के नाम से भी जाना जाता है, उनका कहना है कि अतिरिक्त सैनिकों को डोडा में मुठभेड़ क्षेत्र में भेजा गया है और पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू कराया गया है। आतंकवादी संगठन कश्मीर टाइगर्स ने डोडा हमले की जिम्मेदारी ली है। यह संगठन जैश-ए-मोहम्मद का ही है, जिसने हाल ही में हुए कठुआ हमले की भी जिम्मेदारी ली थी।
पिछले कुछ हफ्तों में जम्मू क्षेत्र के कई स्थानों में आतंकी हमले बढ़ते जा रहे हैं। आतंकियों के साथ मुठभेड़ की यह 5वीं घटना है, जिसके कारण सुरक्षा बल हाई अलर्ट में है और भारतीय सेना ने 14 जुलाई को कुपवाड़ा जिले में नियंत्रण रेखा (LOC) से घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करके तीन आतंकवादियों को मार गिराया था।