उत्तराखंड में चार महीनों के अंदर 1,000 से अधिक जंगल आग की चपेट में आए और इनमें से ज़्यादातर नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, पौड़ी, और उत्तरकाशी जिलों में हैं। इसी बीच मंगलवार को नैनीताल से एक खबर सामने आई जिसमें एक स्कूल जंगल में लगी आग की चपेट में आ गया। बेतालघाट ब्लॉक की ग्राम पंचायत बजेड़ी गाँव के जंगल में लगी आग मंगलवार की दोपहर आबादी क्षेत्र से होते हुए राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के भवन में पहुँच गई। आग से विद्यालय के तीन कमरों का सामान जलकर नष्ट हो गया। साथ ही फर्नीचर, कंप्यूटर, और दस्तावेज जलकर राख हो गए। गनीमत रही की गर्मियों की छुट्टियों के चलते स्कूल बंद था इसकी वजह से बड़ा हादसा होते होते टल गया। ग्रामीणों ने वन विभाग और पुलिस को आग लगने की सूचना दी।
इस बीच ग्रामीण पानी की बाल्टियों और पाइप लाइन के सहारे पानी डालकर आग बुझाने की कोशिश में लगे रहे। वहीं वन विभाग की टीम और पुलिस कर्मियों ने सब्बल से छत को उखाड़कर जलते हुए कमरों में पानी डालकर उससे अन्य कमरों में फैलने से रोका। ग्रामीण और वन कर्मियों को आग बुझाने में करीब दो घंटे की कड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों ने बताया कि आग लगने के कारण विद्यालय को लाखों रुपयों का नुकसान हुआ है।
उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। पिछले दिनों हुई बारिश के बाद यह थम गई थी लेकिन एक बार फिर जंगल धधकने लगे हैं। यह घटना अभी एक स्कूल में हुई है क्या पता कल किसी और जगह में हो जहां पर कई लोग हो , इसके लिए प्रशासन को तैयार रहना चाहिए और जंगलों में लगने वाली आग के कारणों पर विशेष ध्यान देना चाहिए ।