महाराष्ट्र के अमलनेर नामक गाँव में एक पैसेंजर ट्रेन पर पथराव हो गया जिसके कारण लोगों के बीच अफ़रा-तफ़री मच गई। यह बात 12 जुलाई की है जब एक पैसेंजर ट्रेन भुसावल से नंदुरबार जा रही थी और एक पथराव का शिकार हो गई। अमलनेर से गुजरते वक्त वहाँ के स्थानीय लोगों ने ट्रेन पर पथराव शुरू कर दिया जिससे यात्रियों में भगदड़ मच गई। ट्रेन में सवार यात्रियों के मुताबिक पत्थरबाजी करने वाले लोगों की संख्या सैंकड़ों में थी। यात्रियों ने इस हादसे का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया जिसमें औरतों और बच्चों की चीख-पुकार सुनाई दे रही है। यह बात सुबह करीब 12 बजे की है जब स्टेशन से निकले हुए ट्रेन को सिर्फ 10 मिनट ही हुए थे। तभी कुछ लोगों ने ट्रेन की चेन खींचकर ट्रेन रोक दी और सैकड़ों लोग ट्रेन से उतर गए। इन्हीं लोगों ने उसके बाद बाहर से पत्थरबाजी शुरू कर दी। अन्य यात्रियों ने बताया कि ट्रेन की खिड़कियां और दरवाजे बंद कर उन्होंने जैसे-तैसे अपनी जान बचाई। इस घटना में सरकारी संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा है।
कौन हैं ट्रेन पर पत्थरबाजी करने वाले लोग?
बताया जा रहा है कि जिन लोगों ने ट्रेन पर पत्थरबाजी की है, वे उर्स के लिए दरगाह जा रहे थे। ट्रेन दरगाह के पास पहुंचते ही चेन खींचकर रोक दी गई और उसके बाद पथराव शुरू कर दिया। इस मामले की पुलिस को जानकारी देकर पुलिस द्वारा कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
बंगाल में भी हुई पहले समान घटना
पहले भी पश्चिम बंगाल के बीरभूमि में एक चलती ट्रेन पर पथराव हुआ था। यह घटना दुबराजपुर-चिनपाई रेलवे स्टेशन के बीच हुई थी। बताया जा रहा है कि ट्रेन नहीं रोकने के कारण लोग गुस्से में थे जिसके कारण लोगों ने ट्रेन पर पथराव कर दिया। साथ ही जांच-पड़ताल में पता चला है कि बंगाल घटना के आरोपी पत्थरबाज बाबा आलम का मेला देखने जा रहे थे।
कब बंद होगी पत्थरबाजी?
अभी कुछ समय पहले तक पत्थरबाजी की खबरें सिर्फ जम्मू-कश्मीर व पीओके से आती थी किन्तु अब यह हमले मुस्लिम समुदाय द्वारा देशभर में होना शुरू हो गए हैं। क्या मुस्लिम सुमुदाय ने अपनी शर्तों को आगे रखने के लिए और अपनी बातें बताने का यह नया तरीका अपनाना शुरू कर दिया है? आखिर कब तक आम जनता इन हमलों को सहते रहेगी? सरकार को जल्द ही इन उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ेगी ताकि कुछ लोगों की वजह से अन्य देशवासियों को समस्या का सामना न करना पड़े।