अल्मोड़ा जिले के भैंसियाछाना विकासखंड के नागरखान गांव के 15 स्कूली छात्र और स्याल्दे के कैहड़गांव के 60 से अधिक विद्यार्थी रोज मुश्किलों का सामना कर अपने विद्यालय पहुँच रहे हैं। विद्यार्थी इस तेज़ बारिश में एक दूसरे का हाथ पकड़ कर नदी पार कर के विद्यालय पहुँच रहे हैं जो कि इन नन्हीं जानों के लिए हानिकारक है क्योंकि नदियों का बहाव बरसात के वक्त कभी भी अचानक से बढ़ जाता है।
विद्यार्थी नदी पार कर जाते हैं विद्यालय
विद्यार्थी नागरखान गाँव में बहने वाली सुयाल नदी और कैहड़गांव में बहने वाली विनोद नदी में विद्यालय जाते वक्त एक दूसरे का हाथ पकड़ कर नदी पार करते हैं। यह नदियां बरसात के मौसम में उफान पर रहती हैं परंतु न ही इन्हें पार करने लिए कोई पुल की व्यवस्था है और न ही सरकार द्वारा कोई और रास्तों का निर्माण किया जा रहा है जिससे बच्चे बिना किसी डर के अपने विद्यालय सकुशल पहुँच जाएँ।
ज़्यादा बारिश में विद्यालय आने से रोकते हैं शिक्षक
ज़्यादा बारिश होने पर विद्यालय के शिक्षक एवं प्रधानाचार्य बच्चों को विद्यालय आने से मना कर देते हैं। वे जानते हैं कि ऐसे मौसम में बच्चों को उफान पर आई नदी पार करनी पड़ती है जिससे उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
हादसा होने के बाद भी नहीं बना पुल
जहां सरकार वोट मांगते वक्त नई-नई नीतियों और वादों के साथ लोगों के बीच आती है, वहीं समय बीतने के साथ-साथ अपने वादों को लेकर पीछे भी हटती जाती है। आज भी लोगों को अपने गंतव्य तक पहुँचने के लिए पैदल इस नदी को पार करना पड़ता है। बीते साल विनोद नदी को पार करते वक्त एक व्यक्ति उसमें बह गया जिसके बाद भी प्रशासन इस बात की कोई सुध नहीं लेता। बस इस हादसे को सरकार मुआवजे की मदद से टाल देती है और परिवार के घर पहुंचकर सांत्वना दे देती है।
यह बात आज के समय के लिए काफी दुर्भाग्यपूर्ण है और सरकार को इसके प्रति कार्य करना चाहिए जिससे ग्रामवासियों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े।