एकल महिलाओं की आर्थिक रूप से मदद करने के लिए और उन्हें सहारा देने के लिए उत्तराखंड सरकार इस वर्ष नई योजना लागू करेगी। कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के अनुसार मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना के अनुसार यह योजना प्रदेश के सभी जिलों में लागू की जाएगी जिसमें उन्हें विभिन्न तरह के काम सिखाए जाएंगे।
क्या है मुख्यमंत्री एकल स्वरोजगार योजना?
मुख्यमंत्री एकल स्वरोजगार योजना उत्तराखंड सरकार द्वारा वर्ष 2024 में लागू की जाएगी। इस योजना का उद्देश्य उन महिलाओं को वित्तीय रूप से मदद करना है जो तलाकशुदा, विधवा, परित्यक्ता, किन्नर व एसिड हमलों से पीड़ित हैं और अकेली अपना गुजारा कर रही हैं। इस योजना से उत्तराखंड के 95 विकासखंडों की महिलाओं को स्वरोजगार शुरू करने में आर्थिक मदद मिलेगी। योजना में काम आने वाली धनराशि आबकारी विभाग के अतिरिक्त व्यय से आएगी। योजना के लिए सरकार ने 10 करोड़ की धनराशि निर्धारित की है। योजना 18 से 50 आयु वर्ग तक की महिलाओं तक के लिए है। इस नई स्वरोजगार योजना के तहत महिलाओं को भेड़ पालन, डाटा एंट्री, टेलरिंग, कृषि, बागवानी, उद्यान, बुटीक, टेली कॉलिंग, कम्प्यूटर हार्डवेयर रिपेयरिंग, इलेक्ट्रिशियन, प्लमबर, कैन्टीन, केटरिंग, बकरी पालन, जनरल स्टोर, टिफ़िन सेवा, कुक्कुट पालन आदि जैसे काम सिखाए जाएंगे।
इस प्रकार की जाएगी योजना लागू
मंगलवार को कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की अध्यक्षता में गठित उपसमिति में योजना के सभी पहलुओं पर बात की गई और यह निष्कर्ष निकाला गया कि अगली बैठक में योजना के ड्राफ्ट को अंतिम रूप दिया जाएगा जिसके बाद इसे शासन में भेजा जाएगा। बैठक में बताया गया कि उत्तराखंड के हर ब्लॉक की एकल महिलाओं को इसकी जानकारी दी जाएगी एवं इस योजना में शामिल किया जाएगा। विधानसभा सभागार में वित्त मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल की बैठक में सचिव उप समिति चंद्रेश कुमार यादव, निदेशक उप समिति प्रशान्त आर्य आदि मौजूद थे।
उत्तराखंड द्वारा यह योजना उन महिलाओं के लिए लाभदायक है जो किसी कारणवश अकेली अपना जीवन यापन कर रही हैं। इस योजना से वे काम सीखकर आत्मनिर्भर बनेंगी जिससे वे अपने परिवार का पालन-पोषण भली-भांति कर पायेंगी।