उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए भगदड़ कांड के बाद उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय अलर्ट मोड में आ गया है। हाथरस में भगदड़ के कारण कई लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए जिसके चलते उत्तराखंड पुलिस प्रशासन ने SOP (Standard Operating Procedure) जारी करने के निर्देश दिए हैं जिससे प्रदेश भर में ऐसे कांड होने से बचा जा सके।
क्या है हाथरस भगदड़ कांड?
उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में 2 जुलाई 2024 को हाथरस से एटा की ओर जाने वाले रास्ते पर फुलरई नामक जगह में सत्संग का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में लाखों भक्त शामिल थे जिसमें ज़्यादातर महिलायें और बच्चे थे। यह आयोजन 100 बीघा के खाली खेत में हुआ था। यह सत्संग बाबा नारायण साकार का है जो कि अभी फरार हैं। हाथरस कांड में भगदड़ का कारण कम जगह में ज़्यादा लोगों का मौजूद होना था। लोगों के मुताबिक सत्संग में हजार लोगों की बैठने की क्षमता थी लेकिन सत्संग में लाखों लोगों का जमावड़ा रहा। सत्संग खत्म होने के बाद लोगों की भीड़ बाबा को देखने के लिए और उनके पैर छूने के लिए आगे बढ़ी जिससे वहाँ अफ़रा-तफ़री मच गई। हाल इतने खराब हो गए कि लोग एक दूसरे को कुचलते हुए आगे बढ़ने लगे। देखते ही देखते भगदड़ बढ़ गई और पूरे पंडाल में लोगों की चीखें सुनाई देने लगी। भगदड़ में मौके पर ही 100 लोगों की मौत हो गई जिसमें 93 औरतें, 6 बच्चे और 1 आदमी शामिल है। मौके पर पुलिस ने पहुंचकर घायलों को अस्पताल पहुंचाया और शवों को पोस्ट्मॉर्टम के लिए भेज दिया। पुलिस के मुताबिक 17 गुनहगार हैं जिनको गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं बाबा साकार अभी फरार हैं।
उत्तराखंड पुलिस ने जारी किए निर्देश
हाथरस भगदड़ कांड के बाद उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय ने सुरक्षा बरतने के निर्देश जारी किए हैं। एडीजी कानून व्यवस्था एपी अंशुमान ने मेले व किसी बड़े आयोजन को करवाने से पहले वहाँ की भीड़ नियंत्रण का प्लान तैयार करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने सभी जिला प्रभारियों को निर्देश दिए हैं कि कार्यक्रम होने वाले स्थान को देखा जाए और वहाँ पर अगर भीड़ का प्रबंध न हो तो एनओसी न दी जाए। साथ ही पार्किंग व प्रवेश/निवास द्वार की क्षमता को भी देखा जाए।