उत्तराखंड में 24 घंटे में अलग अलग हादसों में 19 मौतें हुई हैं और 35 लोग घायल हो गए। इन हादसों ने प्रशासन और उत्तराखंड की सड़कों पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। आपको बात दें कि पौड़ी में रविवार शाम 3 कारें खाई में गिरी, जबकि रुद्रप्रयाग में टैंपो ट्रैव्लर के अलकनंदा में गिरने से 15 लोगों की मौत हो गई और 11 घायल हो गए। वहीं दूसरी ओर हल्द्वानी में भी एक कार गहरी खाई में गिरी जिसके चलते एक परिवार के 6 सदस्य गंभीर रूप से घायल हो गए। इन हादसों के चलते पूरा उत्तराखंड सहम हुआ है और सरकार पर भी तरह तरह के सवाल उठ रहे हैं। लोगों का कहना है की यू तो उत्तराखंड सरकार इस राज्य को पर्यटन के लिए प्रमोट करती है पर अगर ऐसे हादसे होते रहे तो लोग यहाँ क्यू आना चाहेंगे? इन सवालों का जवाब देते हुए उत्तराखंड सरकार एक बड़ा कदम उठाने जा रही है जिसमे पहाड़ की ओर जाने वाली गाड़ियों के चालकों का हिल एन्डॉर्समेंट कराया जाएगा। अब आप भी सोच रहे होंगे कि आखिर हिल एन्डॉर्समेंट होता क्या है? तो हम आपको बात दें कि हिल एन्डॉर्समेंट टेस्ट में चालकों को ड्राइविंग ट्रैक पर भौतिक रूप से गाड़ी चलाकर दिखाना होता है, जिसके बाद जो ड्राइवर उस टेस्ट में पास होगा उसे ही पहाड़ों में जाने की अनुमति दी जाएगी। देहरादून में ऐसे ड्राइविंग ट्रैक पहले ही बने हैं अब हरिद्वार और ऋषिकेश भी इसके लिए तैयार है। तो जल्द इन सभी शहरों में हिल एन्डॉर्समेंट की शुरुआत हो जाएगी। पर अब सवाल ये उठता है की इनके अलावा जो बाकी शहर हैं वहाँ सड़क हादसों को कैसे रोका जाएगा? इसके अलावा कुमाऊँ क्षेत्र में भी कई पर्यटक पहुंचते हैं लेकिन सरकार ने कुमाऊँ में ऐसे कोई ड्राइविंग ट्रैक नहीं बनाए हैं? तो क्या कुमाऊँ में हिल एन्डॉर्समेंट टेस्ट नहीं किया जाएगा? इस सवाल का जवाब जानने के लिए बने रहिए उत्तराखंड दर्शन के साथ।