उत्तराखंड में गर्मी ने इस बार सालों के रिकार्ड तोड़ दिए। जहां शहर के लोग गर्मियों के मौसम में उत्तराखंड की वादियों में अपना समय बिताने आया करते थे, इस बार शहर की गर्मी और उत्तराखंड की गर्मियों में कोई अंतर नहीं रह गया है। उत्तराखंड के नैनीताल जैसे बड़े तालों का जलस्तर घटते जा रहा है। इससे उत्तराखंड के पर्यटन शैली पर भी बहुत असर पड़ा है।
जून के महीने में भी उत्तराखंड की धरती तपने में है। लेकिन मौसम विभाग के वैज्ञानिकों का कहना है कि 19 जून को चंपावत, चमोली, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, नैनीताल आदि जिलों में बारिश हो सकती है और तपती गर्मी से लोगों को राहत मिल सकती है। इससे तापमान में भी कमी आने के आसार हैं।
बारिश न होने से पहाड़ों में पानी के स्रोत भी सूख रहे हैं जिससे वहाँ के निवासियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अगर आने वाले दिनों में बारिश होती है तो उससे पानी की समस्या खत्म हो जाएगी। साथ ही उत्तराखंड में हो रही वनाग्नि की घटनाएँ भी कम होंगी जिससे जंगल बचे रहेंगे और हरे भरे रहेंगे।
इस बार उत्तराखंड में बारिश न होने के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया और मैदानी इलाकों में भी लोगों को बड़ी बड़ी परेशानियाँ उठानी पड़ रही हैं जैसे कि गर्मी से जूझना और पानी-बिजली की कमी होना। ऐसे में उत्तराखंड में हालत सुधरने हेतु बारिश होना अत्यधिक आवश्यक है।